Beti Bachao Beti Padhao Yojana: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ( बालिका बचाओ, बालिकाओं को शिक्षित करो) भारत सरकार का एक अभियान है जिसका उद्देश्य जागरूकता पैदा करना और भारत में लड़कियों के लिए कल्याणकारी सेवाओं की दक्षता में सुधार करना है। यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखण्ड, पंजाब, बिहार और दिल्ली में समूहों को दक्षित करता है।
NOTE:- भारत सरकार ने देशभर में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का गठन किया हैं।समिति जनवरी 2015 से “सेव गर्ल चाइल्ड” और “टू एजुकेट गर्ल चाइल्ड” को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। डॉक्टर राजेंद्र फड़के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के राष्ट्रीय संयोजक हैं।
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान क्या है?
22 जनवरी 2015 की सुबह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत में एक मंच पर खड़े होकर दर्शकों से अपने बेटे और बेटियों के साथ समान व्यवहार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा “दिल में दर्द लेकर आज मैं आपके पास आया हूँ”। दुनिया जो इंसानियत की बात करती है, उसी दुनिया में माँ के गर्भ में ही एक बच्ची को मार दिया जाता है। Beti Bachao Beti Padhao Yojana, बाल लिंगानुपात में गिरावट और महिलाओं के सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए है।
भारत में जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बाल लिंगानुपात 2001 में प्रति 1000 लड़कों पर 927 लड़कियां थी। जो 2011 में प्रति 1000 लड़कों पर गिरकर 918 हो गई। 2011 की जनसंख्या जनगणना में यह पता चलता है कि भारत 2011 के जनसंख्या अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 919 महिलाओं का है। लिंगानुपात 2011 जनगणना 2001 के आंकड़ों से नीचे की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना कब शुरू की गई?
2015 में, भारत सरकार ने देश में लैंगिक भेदभाव और महिला सशक्तिकरण की चिंताओं को दूर करने के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की। Beti Bachao Beti Padhao Yojana का उद्देश्य नागरिको को लैगिंग पूर्वाग्रह के खिलाफ़ शिक्षित करना और लड़कियों के लिए कल्याणकारी सेवाओं की प्रभावकारिता में सुधार करना है। इसे 100 करोड़ रुपये की शुरुआती फंडिंग के साथ लॉन्च किया गया।
इस योजना को वर्ष 2015 में केवल 100 जिलों में आरंभ किया गया था। वर्ष 2015-16 में इस योजना के अंतर्गत 61 और जिले जोड़ गए। इस समय यह योजना देश के प्रत्येक जिले में संचालित की जा रही है, जिससे बेटियों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनका भविष्य उज्जवल होता जा रहा है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के विशेषताएं
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 22 जनवरी 2015 को आरंभ किया गया है।
- इस योजना के तहत बालिकाओं के अस्तित्व, सुरक्षा और शिक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा।
- देश में लिंग अनुपात सुधार करने का प्रयास बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत किया जाएगा।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत भ्रूण हत्या को रोकने का प्रावधान जाएगा।
- बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे।
- वर्ष 2015-16 में इस योजना के अंतर्गत देश के लगभग 61 और जिले जोड़ गए थे।
- इस समय यह योजना देश के प्रत्येक जिले में संचालित की जा रही है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्देश्य
योजना के तहत प्रदान किए गए दिशा निर्देशों में एक जिला मजिस्ट्रेट या एक कलेक्टर को राज्य के महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के परामर्श से एक जिला कार्य योजना, यह एक डीएपी तैयार करना होता है।
- बाल लिंगानुपात में सुधार
- लैकिंग सामान्यता और महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करें
- लिंग पक्षपाती, लिंग चयन उन्मूलन को रोकें
- बालिकाओं के अस्तित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करें
- बालिकाओं की शिक्षा और भागीदारी को प्रोत्साहित करें
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का लाभ
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के लाभ कुछ इस प्रकार है
- युवा और नवविवाहित जोड़े:- गर्भवती और प्राथमिक वर्ग की स्तनपान कराने वाली माताएं
- माध्यमिक युवा, किशोर( लड़कियां और लड़के) ससुराल वाले, चिकित्सा, चिकित्सक, खंड चिकित्सक, नर्सिंगहोम और नैदानिक केंद्र।
- तृतीयक अधिकारी, फ्रंट लाइन सेगमेंट कार्यकर्ता, धार्मिक नेता, स्वेच्छिक संगठन, मीडिया, चिकित्सा संघ, बड़े पैमाने पर लोग
सर्वेक्षण नीती आयोग के सहयोग से एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा किया जाएगा। इस सर्वेक्षण का प्राथमिक लक्ष्य कम प्रदर्शन करने वाले राज्यों में योजना के क्रियान्वयन को मजबूत करने के तरीके को खोजना है।
ऑनलाइन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए आवेदन कैसे करे?
भारत सरकार द्वारा संचालित Beti Bachao Beti Padhao Scheme के तहत आवेदन करने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करे:
- सबसे पहले महिला और बाल विकास मंत्रालय की Official Website पर जाएँ।
- ऑफिसियल वेबसाइट का होम पेज इस प्रकार खुलेगा।

- होम पेज से Women Empowerment Scheme का ऑप्शन दिखाई देगा, उस ऑप्शन पर क्लिक करे।
- इस option पर क्लिक करने के बाद इस प्रकार का पेज open होगा।

- इस पेज से Beti Bachao Beti Padhao Yojana के विकल्प पर क्लिक करे।
- इसके बाद एक आवेदन फॉर्म open होगा।
- आवेदन फॉर्म में पूछे गए सभी जानकारी दर्ज करे और सम्बंधित दस्तावेज अपलोड करे।
- सभी प्रक्रिया होने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करे।
- इस प्रकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में आपका सफलतापूर्वक आवेदन हो जाएगा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत चिन्हित ग्रुप
इस योजना के अंतर्गत देश के निम्न ग्रुप को को टारगेट किया जाएगा. भारत सरकार द्वारा इन ग्रुप्स को तीन भागो में विभाजित किया गया है:
प्राथमिक | युवा एवं नवविवाहित जोड़े, गर्भवती एवं छोटे बच्चों की माताएं, माता-पिता |
माध्यमिक | युवा, किशोर, चिकित्सक, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर |
तृतीय | अधिकारी, पंचायती राज संस्थान, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता, महिला स्वयं सहायता समूह/सामूहिक, धार्मिक नेता, स्वयंसेवी संगठन, मीडिया, चिकित्सा संघ, उद्योग संघ, आम जनता |
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की उपलब्धि
- देश में लिंगानुपात की स्थिति पहले की तुलना में बढ़ी है
- उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों के लिए ड्रॉपआउट दर 2015 में 1.5% थी जो 2016 में घटकर 1% हो गई।
- सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत 59491 खाते खुले एवं और अधिक खुलने की संभावना है
- देश के लगभग 104 जिलों में जन्म के समय बालक बालिका अनुपात में सुधार हुआ है।
- 146 जिलों में संस्थागत प्रसव में सुधार देखने को मिला है।
- शिक्षा एकीकृत जिला सूचना प्रणाली 2015-16 के अनुसार मध्यमिक शिक्षा में बेटियों का नामांकन 76% से बढ़कर 80.97% हुआ है।
- इस योजना को ध्यान में रखते हुए स्कूल में लड़कियों के लिए शौचालय का निर्माण किया गया है
- बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करने के मामले में सुधार दर्ज किया गया है
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का राजस्थान जिले में प्रभाव
महिला और बाल विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री वीरेंद्र कुमार ने इस साल 4 जनवरी को लोकसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में बेटी Beti Bachao Beti Padhao Yojana के तहत जारी किए गए धन के बारे में डेटा का खुलासा किया। जवाब से पता चला कि 31 दिसंबर 2018 तक, सरकार ने योजना शुरू होने के बाद से इसके लिए 648 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी।
इसमें से, 364 करोड़ की राशि या कम से कम 56% मीडिया गतिविधियों पर खर्च की गई थी। मंत्रालय के जवाब से पता चलता है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अधिकांश संसाधन पहल करने के बजाय परिवर्तन की धारणा बनाने पर केंद्रित थे।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के दिशा निर्देशों के अनुसार पहले चरण में, 2014 से 2015 तक योजना ने केंद्रित हस्तक्षेप और बहु क्षेत्रीय कार्रवाई के लिए कम बाल लिंग अनुपात के आधार पर 100 जिलों की पहचान की।
IMPORTANT DETAILS:-
- ASER सेंटर की 2018 की शिक्षा की वार्षिक स्थिती रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में दो से 14 वर्ष की आयु के बीच की 5-10 प्रतिशत लड़कियों का किसी भी स्कूल में नामांकन नहीं था।
- 2006 में यह आंकड़ा 20% था, इसके अलावा 15 से 16 साल के बीच की 20.1% लड़कियों ने स्कूल में दाखिला नहीं लिया, जो 2006 में 37:7 प्रतिशत थी।
- इसके अलावा 2011 की जनगणना ने राजस्थान को साक्षरता के मामले में 67.1 प्रतिशत के साथ तीसरे सबसे निचले स्थान पर रखा, और महिला साक्षरता के मामले में सबसे कम 52.7प्रतिशत है।
- इन आंकड़ों के बावजूद, MOWCD ने इस साल की शुरुआत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत अच्छे प्रदर्शन के लिए राजस्थान को सम्मानित भी किया।
संपर्क विवरण
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी यहाँ दिया गया है. यदि अभी भी कोई परेशानी हो, तो निचे दिए गए एड्रेस पर संपर्क करे.
- टोल फ्री नंबर: 011-23388612
- ईमेल आईडी: pallavi.agarwal@gov.in
- कांटेक्ट लिंक: https://wcd.nic.in/contactus
ध्यान दे, इस योजना में आवेदन करने से पूर्व नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाए और सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करके ही आवेदन फॉर्म भरे और जमा करे.