हाल के दिनों में, बहुत सारी लाभार्थी योजनाएं देखी जा सकती है और राजस्थान राज्य में कल्याणकारी नीतियां शुरू की गई है। हालांकि, कल्याणकारी योजनाएं शुरुआती दिनों में भी पेश की जाती है, लेकिन हाल के दिनों में योजनाएं काफी सुर्खियों में है। कई कल्याणकारी योजनाओं के साथ, राज्य सरकार ने नवीनतम पालनहार योजना शुरू की है। जो समाज में अकेले रहने वाले बच्चे के लिए बेहद फायदेमंद होगी।
राजस्थान की पालनहार योजना का लक्ष्य राज्य के उन जरूरतमंद बच्चों की जिम्मेदारी लेना है जिनके माता पिता अब उनकी देखभाल नहीं करते हैं। इस योजना में पैरेंटिंग योजना स्थानगत नहीं है।
Rajasthan Palanhar Yojana को सरकार की ओर से 5 साल तक के बच्चों के लिए ₹500 प्रतिमाह और स्कूल में प्रवेश के बाद 18 वर्ष की आयु तक ₹1000 हर महीने प्रदान किए जाते हैं।
राजस्थान पालनहार योजना क्या है?
राजस्थान की पालनहार योजना, राजस्थान के राज्य सरकार द्वारा 8 फरवरी 2005 को शुरू की गई थी। इस योजना के तहत विकलांग माता पिता के बच्चों को भी योजना का लाभ मिलेगा। पहले इस योजना के तहत, केवल अनुसूचित जाति के बच्चों को रखा गया था, लेकिन योजना में बदलाव के बाद सभी अनाथ बच्चों को योजना में रखा गया है।
इस योजना का उद्देश्य सभी अनाथ बच्चों को बेहतरीन ज़िंदगी प्रदान करना है और साथ ही बच्चे को पारिवारिक वातावरण मिल सके यह भी सुनिश्चित करना है।
राजस्थान की पालनहार योजना, के तहत कई गरीब बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत लाभार्थी को हर महीने ₹500 दिए जाएंगे। और 18 साल तक के बच्चों को हर महीने ₹1000 की राशि दी जाएगी और हर साल ₹2000 अलग से दिए जाएंगे ताकि बच्चे के लिए कपड़े,जूते, स्वेटर की व्यवस्था की जा सके।
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राजस्थान की पालनहार योजना का उद्देश्य
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि देश में कई ऐसे बच्चे है, जिनकी वजह से परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं रहती है, बच्चे छोटे छोटे काम करने लगते हैं, जिससे न तो बच्चों को पढ़ने का मौका मिलता है और ना ही उन्हें कुछ ज़िंदगी में बेहतरीन करने का अवसर मिलता है।
यदि माता पिता की मृत्यु हो जाती है तो वातावरण में तनाव बढ़ जाता है, इस स्थिती में परिवार के कई सदस्य बच्चे की देखभाल करने में असमर्थता दिखाते हैं, सिल जिसके कारण बच्चे को न तो शिक्षा मीलती है और ना ही पारिवारिक वातावरण।
राजस्थान पालनहार योजना के लाभ
- पालनहार योजना राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गयी एक कल्याणकारी योजना है।
- इस योजना के माध्यम से अनाथ बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- पांच वर्ष तक के बच्चों को 500 प्रतिमाह और 18 वर्ष तक के बच्चों को स्कूल में प्रवेश लेने के बाद 1000 प्रति माह का अनुदान प्रदान किया जाता है।
- इसके अलावा कपड़े, स्वेटर, जूते आदि खरीदने के लिए प्रति वर्ष 2,000 की राशि प्रदान की जाती है।
- यह योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित है।
- पालनहार योजना के माध्यम से अनाथ बच्चे सशक्त और आत्मनिर्भर बनेंगे।
- इस योजना की मदद से अनाथ बच्चों को अपने खर्च के लिए किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- इस योजना के तहत आवेदन अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर किया जा सकता है।
- आवेदन करने के लिए आपको किसी सरकारी कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है।
- ऑनलाइन होने से व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और समय और धन की बचत होगी।
पालनहार योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि
राजस्थान पालनहार योजना के अंतर्गत अनाथ एवं पात्र बच्चों को विभिन्न प्रकार की राशी प्रदान की जाती है, जिसका विवरण निचे दिया गया है:
- इस योजना के तहत बच्चे को 5 वर्ष की आयु तक 500 रूपये की धनराशि प्रतिमाह प्रदान की जाती है।
- स्कूल में प्रवेश प्राप्त करने के बाद 18 वर्ष की आयु होने तक हर महींने 1,000 रूपये दिए जाते है।
- बच्चो को उनके कपड़ो, जूते, एवं अन्य सुविधाओं के लिए 2,000 रूपये प्रतिवर्ष अलग से दिए जाते है।
राजस्थान की पालनहार योजना के लिए पात्रता मानदंड
पालनहार योजना के तहत जो व्यक्ति किसी अनाथ बच्चे को स्कूल भेजने या पालने के लिए तैयार है, तो इसके लिए उसे कुछ पात्रता से गुजरना होगा, यदि उसके पास राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नीती के अनुसार पात्रता नहीं है, तो वे पालनहार योजना में आवेदन नहीं कर सकते हैं।
- इस योजना के तहत माता पिता राजस्थान के निवासी होने चाहिए। यदि माता पिता किसी अन्य राज्य से है, तो उन्हें योजना के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
- माता पिता की वार्षिक आय 1,20,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- ऐसे अनाथ या पालक बच्चों को दो वर्ष की आयु में आंगनबाड़ी में भेजना अनिवार्य है।
- और 6 साल की उम्र के बाद बच्चे को स्कूल भेजना अनिवार्य है।
राजस्थान पालनहार योजना के लिए बच्चों की पात्रता
आपको बता दें कि पहले Rajasthan Palanhar Yojana के लिए केवल ऐसे बच्चों का चयन किया गया था जो अनुसूचित जाति के बच्चे हैं लेकिन समय समय पर योजना में बदलाव किए गए हैं जिनमें कुछ श्रेणियाँ जोड़ी गई है। निम्नलिखित श्रेणियों से गुज़रने वाले बच्चे योजना के पात्र होंगे।
- राज्य के सभी अनाथ बच्चे इस योजना के लिए पात्र हैं।
- ऐसे बच्चे के माता पिता जो एड्स से पीड़ित हैं।
- जिन बच्चों के माता पिता विकलांग है।
- अधिकतम तीन बच्चों को योजना की श्रेणी में रखा जाएगा। अगर परिवार में तीन से अधिक बच्चे हैं, तो केवल तीन बच्चों को ही लाभ मिलेगा।
- जिन बच्चों के माता पिता आजीवन कारावास की न्यायिक हिरासत में हैं, ऐसे माता पिता के बच्चों को योजना के तहत रखा जाएगा।
- कुष्ठ रोग से पीड़ित माता पिता के बच्चे भी योजना के पात्र होंगे।
- पूर्ण विवाहित या विधवा की माँ के बच्चे भी इस योजना के लिए पात्र होंगे।
- तलाकशुदा महिला के बच्चे इस योजना के लिए पात्र हैं।
- विधवा माँ के अधिकतम तीन बच्चे इस योजना के लिए पात्र हैं।
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राजस्थान पालनहार योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
श्रेणी के अंतर्गत आने वाले बच्चों के माता पिता को माता पिता से संबंधित दस्तावेज देने होंगे:-
- अनाथ बच्चे:- माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
- माता पिता को आजीवन कारावास:- सजा की कॉपी
- निराश्रित विधवा माँ:- पति का मृत्यु प्रमाण पत्र
- रिश्तेदार बच्चे:- प्रमाणपत्र अगर माँ एक वर्ष या उससे अधिक समय से संबंधित हैं। इसके लिए आप अपने नजदीकी ग्राम सभा, नगर पालिका, नगर निगम, नगर परिषद में जाकर प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं।
- पूर्ण विवाहित माँ के भाई बहन:- पुनर्विवाह माता का प्रमाण पत्र
- एड्स के साथ माता पिता के भाई बहन:- राजस्थान एड्स नियंत्रण सोसाइटी में पंजीकरण का प्रमाण पत्र
- विकलांग माता पिता के बच्चे:- सक्षम चिकित्सा बोर्ड द्वारा विकलांगता प्रमाण पत्र
- कुष्ठ रोग से पीड़ित माता पिता:- सक्षम चिकित्सा बोर्ड द्वारा प्रेरित के माता पिता को जारी प्रमाणपत्र
- तलाकशुदा महिला के बच्चे:- तलाकशुदा महिलाओं को दो स्वतंत्र गवाहों के आधार पर अपने तलाक के दस्तावेजों के साथ साथ स्वयं हलफनामा और धार्मिक प्राधिकरण द्वारा जारी प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
- परित्यक्त महिला बच्चे:- परित्यक्त महिलाएं, अगर वे 3 साल या उससे अधिक समय से अपने पति से अलग रह रही है, तो उन्हें इसका प्रमाण पत्र भी देना होगा।
राजस्थान पालनहार योजना के लिए आवेदन कैसे करे?
- सबसे पहले Social Justice and Empowerment Department की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएँ
- होम पेज से राजस्थान पालनहार योजना का Application Form PDF File को डाउनलोड करे
- आवेदन फॉर्म में पूछी गयी सभी जानकारी जैसे पालनहार का नाम, जन्मतिथि, एड्रेस, बैंक अकाउंट, आदि दर्ज करे
- फॉर्म के साथ अपने सभी दस्तावेज़ों को अटैच करे
- आवेदन फॉर्म अच्छी तरह से भरने के बाद इसे शहरी क्षेत्र में विभागीय जिला अधिकारी के पास जमा करे
- और ग्रामीण क्षेत्र के निवासी अपने फॉर्म को संबंधित विकास के पास या ई मित्र कियोस्क केंद्र में जमा करे।
- इस तरह राजस्थान पालनहार योजना में आवेदन सरलता से कर सकते है।
राजस्थान पालनहार योजना में भुगतान की स्थिति कैसे देखे?
- सबसे पहले राजस्थान पालनहार योजना के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएँ
- ऑफिसियल वेबसाइट से निचे क्रॉल करने पर Apply Online /E Services का सेक्शन दिखाई देगा
- इस सेक्शन से Palanhar Payment Status के ऑप्शन पर करे।
- ऑप्शन पर क्लिक करने पर इस तरह का पेज open होगा।
- इस पेज पर Academic Year, भामाशाह नंबर, एप्लीकेशन आईडी, कैप्चा कोड आदि को दर्ज करे।
- सभी जानकारी भरने के बाद “Get Status” के बटन पर क्लिक करे।
- क्लिक करते ही आपके सामने भुगतान की स्थिति आ जाएगी।
राजस्थान पालनहार योजना एप्लीकेशन स्टेटस देखने की प्रक्रिया
- सबसे पहले “जन सूचना पोर्टल” की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- होम पेज से “स्कीम्स के विकल्प पर क्लिक करे।
- यहाँ से पालनहार योजना एंड बेनिफिशियरीज इंफॉर्मेशन के विकल्प पर क्लिक करे।
- इसके बाद पालनहार योजना एंड बेनिफिशियरीज इंफॉर्मेशन (नो अबाउट योर एप्लीकेशन स्टेटस) के विकल्प पर क्लिक करे।
- यहाँ से एप्लीकेशन स्टेटस या पेमेंट स्टेटस में से किसी एक का चयन करे।
- अब भुगतान वर्ष का चयन करे तथा अपना आवेदन क्रमांक या SRDR नंबर दर्ज करे।
- इसके बाद “खोजे के विकल्प” पर क्लिक करे।
- इस प्रकार एप्लीकेशन स्टेटस की जानकारी आपकी कंप्यूटर स्क्रीन पर होगी।
पालनहार योजना का विस्तार के सम्बन्ध में समय-समय पर जारी आदेश
संशोधित नियम, 2007 दिनांक 25.04.2007 निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा महिला की संतान का समावेश |
संशोधन आदेश क्रमांक 48595 दिनांक 07.08.2007 निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा महिला की संतान के संबंध में संशोधित आदेश |
संशोधन आदेश क्रमांक 3514 दिनांक 27.01.2010 पुनर्विवाहित विधवा माता की संतान का समावेश |
संशोधन आदेश क्रमांक 25816 दिनांक 30.04.2010 कुष्ठ/ एड्स पीडित माता/पिता की संतान का समावेश |
संशोधन आदेश क्रमांक 16901 दिनांक 03.03.2011 नाते जाने वाली महिला की संतान का समावेश |
संशोधन आदेश क्रमांक 49283 दिनांक 23.06.2011 योजना का संशोधित आवेदन पत्र 01.07.2011 से लागू |
संशोधन आदेश क्रमांक 433 दिनांक 26.04.2013 योजना की परिभाषा में संशोधन |
संशोधन आदेश क्रमांक 1111 दिनांक 1.5.2013 परिभाषा में संशोधन |
संशोधन आदेश क्रमांक 7951 दिनांक 29 मई, 2013 विधवा/नाते गई महिलाओं के बच्चों के सम्बन्ध में आदेश |
संशोधन आदेश क्रमांक 1336 दिनांक 16 मई, 2013 पालनहार को अधिकतम दो माह में राशि का भुगतान करने सम्बन्धी आदेश |
इस संसोधन का सोर्स लिंक |
संपर्क विवरण
यदि इस योजना से सम्बंधित कोई भी असुविधा हो। या किसी अन्य प्रकार की जानकारी चाहिए हो, तो आप नीचे दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर अपने समस्या का समाधान कर सकते है।
- हेल्पलाइन नंबर – 1800-180-6187
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